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डॉक्टर भगवान का रूप होते हैं इस डॉयलोग पर भरोसा करना बिल्कुल बेमानी

डॉक्टर भगवान का रूप होते हैं इस डॉयलोग पर भरोसा करना बिल्कुल बेमानी है। डॉक्टर के रूप में कुछ ऐसे सैतान भी हमारे बीच मौजूद हैं जिनके दिल में दया और प्रेम का भाव बिल्कुल भी नही है। इनकी संवेदना इतनी मर चुकी हैं इलाज के लिए तड़प-तड़प कर दम तोड़ने वाले एक मासूम की आवाज भी इनके कानो तक नही पहुंची।

दिल दहला देने वाला मामला यूपी के हमीरपुर जिले से सामने आया है, जहां जिले के सरकारी जिला अस्पताल में डॉक्टरों की घोर लापरवाही के चलते एक चौदह माह का मासूम साढ़े तीन घंटे तक अस्पताल में तड़पता रहा. काफी इंतजार के बाद भी इलाज न मिलने से बच्चे ने मां की गोद में ही दम तोड़ दिया। बेशर्मी पर पर्दा डालने के लिए हमीरपुर सीएमओ ने जांच के निर्देश दिए हैं.

मासूम बच्चा निमोनिया से पीड़ित था
बताया जा रहा है कि हमीरपुर जिले के पड़ोसी जिले जालौन के कदौरा थाना क्षेत्र स्थित हरचंदपुर गांव निवासी अरविंद का 14 माह का मासूम बच्चा कार्तिक निमोनिया से पीड़ित था. बच्चे को सांस लेने में काफी परेशानी हो रही थी और वह तेज दर्द के मारे भी चिल्ला रहा था। बच्चे को पहले कदौरा के अस्पताल ले जाया गया, जहां से उसे हमीरपुर के जिला सरकारी अस्पताल में रेफर कर दिया गया, जिसके बाद अरविंद अपने बच्चे को पिछले शुक्रवार की रात को हमीरपुर के जिला अस्पताल में ले आए।

मासूम बच्चा अस्पताल में तड़पता रहा
मामले को लेकर पीड़िता के पिता ने बताया कि जिला अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. आशुतोष अपने आवास में आराम कर रहे थे. निमोनिया से पीड़ित बच्चे को लेकर जब परिजन अपने आवास पर गये तो शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. आशुतोष ने बच्चे को देखने के बाद अस्पताल में भर्ती कराने की सलाह दी. डॉक्टरों की सलाह पर पिता 14 माह के बच्चे को जिला अस्पताल ले गए और वहां इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया। गौर करने वाली बात यह है कि इमरजेंसी वार्ड में तैनात डॉक्टर ने लापरवाही बरतते हुए बच्चे का इलाज नहीं किया. लोगों ने बताया कि जब बच्चे की हालत बिगड़ने लगी तो उसके परिजन जोर-जोर से रोने लगे. अस्पताल में ये नजारा देखने के बाद भी वार्ड डॉक्टर का दिल नहीं पिघला.

इलाज के अभाव में हुई मौत
पिता अरविंद ने बताया कि बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. आशुतोष भी घंटों तक पीड़ित बच्चे का इलाज करने नहीं आए, जिससे इलाज के अभाव में साढ़े तीन घंटे तक मासूम बच्चा तड़पता रहा और उसके बाद उसकी मौत हो गई.

इससे भी ज्यादा बेशर्मी की बात यह है कि सीएमएस डॉ. एसपी गुप्ता ने लापरवाही के आरोपों से सीधे तौर पर इनकार किया है. उन्होंने शनिवार को जानकारी देते हुए बताया कि बच्चे को निमोनिया था और उसे गंभीर हालत में अस्पताल लाया गया था. उन्होंने कहा कि अस्पताल में बच्चे के इलाज में कोई लापरवाही नहीं बरती गयी. यह भी तय है कि सीएमएस तो अपने इस कुतर्क से बच ही जाएगा।

 

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