रिपोर्ट :- दीपक कुमार शामली।। नको अजीवन कारावास या फांसी होनी चाहिए थी वो घोटालेबाज हेलीकॉप्टर मे बैठकर बिरयानी खाकर चुनाव मे इमानदारी और विकास का नारा बुलंद करा रहे है आपको लगता है दारू का दलाल “केजरीवाल” अब दोबारा जेल जायेगा ? सफूरा जरगर को प्रेगनेंसी के आधार पर बेल मिली, वह वापस कभी जेल नहीं गई जबकि UAPA लगा था उसने जो दंगे भड़काए थे उसमें कई लोग मारे गए थे. आपको बताना जरूरी है कि सफूरा जरगर साल 2020 में सीएए-एनआरसी के विरोध में दिल्ली में हुए दंगों की आरोपी है।आरोप है कि वह दंगों की शुरुआत करने वाले साजिशकर्ताओं में से एक है।
गौरतलब है कि सफूरा जरगर को दिल्ली दंगों के सिलसिले में अप्रैल 2020 में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत गिरफ्तार किया गया था। गर्भवती होने के कारण उसे मानवीय आधार पर जून 2020 में कोर्ट से जमानत मिल गई थी।
सफूरा पर दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने दिल्ली दंगों के मामले में UAPA एक्ट लगाया था. दंगों की चार्जशीट में स्पेशल सेल ने सफूरा के कई चैट्स के जरिए भी खुलासा किया था कि वह CAA और NRC के दौरान दंगों को भड़काने की साजिश में शामिल थीं. सफूरा को प्रेगनेंट होने की चलते जमानत दी गई थी.
सजायाफ्ता चारा चोर लालू यादव बिहार का सारा चारा खाकर अराम से चुनाव प्रचार कर रहा है
लालू यादव को मेडिकल के आधार पर रिलीफ मिला और वह दोबारा कभी जेल नहीं गया जबकि वह पूरा बिहार घूम घूम कर चुनाव प्रचार कर रहा है बैडमिंटन खेलता है मटन चिकन बनता है मछली खा रहा है।
इसे पशुपालन घोटाला ही कहा जाना चाहिए क्योंकि मामला सिर्फ़ चारे का नहीं है. असल में, यह सारा घपला बिहार सरकार के ख़ज़ाने से ग़लत ढंग से पैसे निकालने का है. कई वर्षों में करोड़ों की रक़म पशुपालन विभाग के अधिकारियों और ठेकेदारों ने राजनीतिक मिली-भगत के साथ निकाली है.
मामला एक-दो करोड़ रुपए से शुरू होकर अब 900 करोड़ रुपए तक जा पहुंचा है और कोई पक्के तौर पर नहीं कह सकता कि घपला कितनी रक़म का है क्योंकि यह वर्षों से होता रहा है और बिहार में हिसाब रखने में भी भारी गड़बड़ियां हुई हैं.
मामले में फंसे लालू यादव को इस सिलसिले में जेल तक जाना पड़ा, उनके ख़िलाफ़ सीबीआई और आयकर की जांच हुई, छापे पड़े और अब भी वे कई मुक़दमों का सामना कर रहे हैं. आय से अधिक संपत्ति के एक मामले में सीबीआई ने राबड़ी देवी को भी अभियुक्त बनाया.
बिहार पुलिस ने 1994 में राज्य के गुमला, रांची, पटना, डोरंडा और लोहरदगा जैसे कई कोषागारों से फर्ज़ी बिलों के ज़रिए करोड़ों रुपए की कथित अवैध निकासी के मामले दर्ज किए.
सीबीआई ने उस समय कहा था कि चारा घोटाले में शामिल सभी बड़े अभियुक्तों के संबंध राष्ट्रीय जनता दल और अन्य पार्टियों के शीर्ष नेताओं से रहे हैं और उसके पास इस बात के पर्याप्त सबूत हैं कि काली कमाई का हिस्सा नेताओं की झोली में भी गया है.
सीबीआई के अनुसार, राज्य के ख़ज़ाने से पैसा कुछ इस तरह निकाला गया- पशुपालन विभाग के अधिकारियों ने चारे, पशुओं की दवा आदि की सप्लाई के लिए करोड़ों रुपए के फ़र्जी बिल कोषागारों से वर्षों तक नियमित रूप से भुनाए. जांच अधिकारियों का कहना है कि बिहार के मुख्य लेखा परीक्षक ने इसकी जानकारी राज्य सरकार को समय-समय पर भेजी थी लेकिन बिहार सरकार ने इसकी ओर कोई ध्यान नहीं दिया.
सीबीआई का कहना है कि उसके पास इस बात के दस्तावेज़ी सबूत हैं कि तत्कालीन मुख्यमंत्री को न सिर्फ़ इस मामले की पूरी जानकारी थी बल्कि उन्होंने कई मौक़ों पर राज्य के वित्त मंत्रालय के प्रभारी के रूप में इन निकासियों की अनुमति दी थी.
सीबीआई का कहना रहा है कि ये सामान्य आर्थिक भ्रष्टाचार का नहीं बल्कि व्यापक षड्यंत्र का मामला है जिसमें राज्य के कर्मचारी, नेता और व्यापारी वर्ग समान रूप से भागीदार थे.
केजरीवाल!झाड़ू से दारू की दलाली और जेल ..
दिल्ली शराब घोटाला मामले में अरविंद केजरीवाल 1 जून तक के लिए अंतरिम जमानत पर तिहाड़ जेल से बाहर आए हैं। उन्हें यह जमानत लोकसभा चुनावों में प्रचार के लिए दी गई है।
ED ने सबसे पहले वो बयान कोर्ट में पेश किये जिन्हें जांच के दौरान रिकॉर्ड किया था. ED ने इस दौरान मगुंटा रेड्डी और अरुण पिल्लई के बयान कोर्ट के सामने पेश किये. आंध्र प्रदेश से सांसद मगुंटा रेड्डी ने अपने बयान में ED को बताया कि उन्होंने दिल्ली में व्यापार करने को लेकर अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की. केजरीवाल ने उनसे कहा कि नई शराब नीति के तहत व्यापार करने के लिए दिल्ली में आपका स्वागत है. लेकिन इससे पहले आप जाकर के कविता से मुलाकात करिये. और जब उन्होंने के कविता से मुलाकात की तो उनसे कहा गया कि 100 करोड़ रुपये आम आदमी पार्टी को पहुंचाना होगा. तब जाकर ऐसी शराब नीति आ पाएगी जिसमें व्यापार करने पर ज्यादा मुनाफा होगा. YSR कांग्रेस के सांसद मुगंटा रेड्डी इस मामले में आरोपी भी हैं.