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ज्योर्तिमठ बद्रीकाश्रम हिमालय ट्रस्ट का खाता सीज अविमुक्तेश्वरानंद के ऊपर फर्जी दस्तावेज के आधार पर खाता ट्रांसफर कर 60 लाख रुपए गबन करने का आरोप

ज्योतिर्मठ ट्रस्ट खाते को अवैध रूप से स्थानांतरित करने के लिए अवैध वित्तीय धोखाधड़ी गतिविधि के लिए स्वघोषित बाबा अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के खिलाफ केनरा बैंक वाराणसी ने ज्योतिर्मठ बदरिकाश्रम हिमालय के आधिकारिक ट्रस्ट खाते को फ्रीज कर दिया है। खाते को फर्जी दस्तावेजों के साथ स्वघोषित फर्जी बाबा अविमुक्तेश्वरानंद द्वारा ट्रस्ट खाते को धोखाधड़ी से अपने नाम पर स्थानांतरित कर लिया था। खाते को स्वामी गोविंदानंद सरस्वती (हिंदू कानूनी अधिकार संरक्षण मंच) द्वारा दर्ज की गई शिकायत के आधार पर यह कार्यवाही की गई है।

स्वामी गोविन्दानंद सरस्वती महाराज ने बताया कि शिकायत के बाद बैंक अधिकारियों ने बैठक की और आवश्यक गोपनीय जानकारी भेजी। मामले को कोलकाता शाखा को निर्देशित किया। सुप्रीम कोर्ट के वकील ने केनरा बैंक के मुख्यालय को आगे की कार्रवाई के लिए एमडी रोड शाखा को बैंक विवरण के साथ आधिकारिक मेल जारी करते हुए कोलकाता एमडी रोड शाखा को कानूनी नोटिस भेजा।

जिस पर तत्काल एमडी रोड कोलकाता शाखा जांच की गई, अधिकारियों ने जांच में पाया कि धोखाधड़ी हुई है। अधिकारियों को आखिरकार पता चला कि जाली दस्तावेजों (वसीयत) के जरिए एक बड़ी वित्तीय धोखाधड़ी हुई थी। तुरंत मामले को शिकायत एवं कानून विभाग को सौंप दिया गया। पता चला और पुष्टि हुई की बड़ा फर्जीवाड़ा हुआ है। जिस पर कोलकाता शाखा सक्षम प्राधिकारी ने मामले की शिकायत (14 मई 2024) को आगे की कार्रवाई के लिए वाराणसी चौक शाखा को स्थानांतरित कर दी। उन्होंने बताया कि इसी दौरान हमें पता चला कि बैंक अधिकारियों के साथ अविमुक्तेश्वरानंद ने पहले ही इस खाते से लगभग 60,00,000 लाख की राशि निकाल ली है।

स्वामी गोविन्दानंद सरस्वती ने कहाकि मेल के माध्यम से आधिकारिक संदेश सूचना आदेश प्राप्त होने के बाद वाराणसी चौक केनरा बैंक मैनेजर ने अपनी लीगल टीम से चर्चा की। जिसके बाद ज्योतिर्मठ बदरिकाश्रम हिमालय आधिकारिक ट्रस्ट खाते को तत्काल रूप से फ्रीज कर दिया गया, जिसे फर्जी स्वघोषित अविमुक्तेश्वरानंद ने अवैध रूप से अपने नाम से काशी में स्थानांतरित कर दिया था।

अब वाराणसी बैंक के वरिष्ठ प्रबंधक ने खाते को फ्रीज कर दिया और हस्ताक्षरित दस्तावेज मोहर के साथ स्वामी गोविंदानंद सरस्वती को सौंप दिया है।

उनका कहना है कि इस धोखाधड़ी वाले फर्जी स्वयंभू बाबा अविमुक्तेश्वरानंद से सावधान रहें, माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने उन्हें ज्योतिर्मठ के लिए किसी भी प्रकार के अभिषेक से रोक दिया है। फर्जी बाबा अविमुक्तेश्वरानंद के खिलाफ स्वामी गोविंदानंद सरस्वती महाराज द्वारा पहले ही सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की जा चुकी है। गोविंदानंद की ओर से वाराणसी में उनके अधिवक्ता शशांक शेखर त्रिपाठी द्वारा पैरवी की जा रही है।

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