रिपोर्ट :- दीपक कुमार शामली।। सहारनपुर: उत्तर प्रदेश के देवबंद स्थित दारुल उलूम ने तीन तलाक पर बिना आईडी के किसी भी सवाल पर फतवा देने पर पाबंदी लगा दी है। तीन तलाक को 30 जुलाई 2019 को अवैध और असांविधानिक घोषित कर इसे दंडनीय अधिनियम बना दिया गया था। इसके बाद इस्लामी तालीम के प्रमुख केंद्र दारुल उलूम में तीन तलाक पर हालांकि फतवों की संख्या न के बराबर हो गई। इसके बावजूद ऑनलाइन फतवा विभाग से तीन तलाक से संबंधित सवाल पूछे जाते रहे हैं। मोहतमिम मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी का कहना है कि बिना आईडी के तीन तलाक पर सवाल पूछने वाले को कोई जवाब नहीं दिया जाता अब वास्तविक आईडी वाले व्यक्ति के सवाल पर ही वाजिब जवाब दिया जाता है। बता दें, कि दारुल उलूम में वर्ष 2005 में ऑनलाइन फतवा विभाग शुरू किया गया। जिससे देश-विदेश से बड़ी संख्या में मुफ्तियों से सवाल पूछे जाने लगे। बहस का मुद्दा बने कुछ चर्चित फतवे:
मुस्लिम महिलाओं को नेल पॉलिश नहीं लगाना चाहिए। महिलाओं को नाखून पर नेल पॉलिश की बजाय मेहंदी का इस्तेमाल करना चाहिए। नेल पॉलिश गैर इस्लामिक है। एक अन्य फतवे में कहा गया कि मुस्लिम महिलाओं को आईब्रो नहीं बनवाना चाहिए। आईब्रो बनवाना, वैक्सिंग करवाना या फिर बाल कटवाना गैर इस्लामिक है। इसके अलावा चुस्त व तंग बुर्का और लिबास पहनना भी जायज नहीं।
एक अन्य फतवे में कहा गया था कि गैर मर्द का अजनबी औरतों को चूड़ी पहनाना नाजायज और गुनाह है। सोशल मीडिया पर महिलाओं की फोटो डाले जाने को भी दारुल उलूम के एक फतवे में नाजायज बताया गया था। इनके अलावा कई ऐसे फतवे हैं। जो काफी चर्चाओं में रहे।