रिपोर्ट :- गणेशी पंवार हापुड़, धौलाना, गढ़ ।। लखनऊ। उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सीटें घटी तो मोदी कैबिनेट में प्रदेश की हिस्सेदारी पर पड़ा।केंद्र सरकार में महिला मंत्रियों की भागीदारी घट गई है।पहले यूपी से तीन मंत्री थीं,लेकिन इस बार सिर्फ दो महिलाएं लोकसभा चुनाव जीतीं हैं,उनमें से एक सांसद अनुप्रिया पटेल को मंत्री बनाया गया है। हालांकि इस बार यूपी से सिर्फ दो ही महिला सांसद चुनी गई है। इस लिहाज से देखा जाए यूपी से चुनाव जीतने वाली आधी आबादी को आधी हिस्सेदारी दी गई है।
बता दें कि मोदी-02 में यूपी से तीन महिलाओं को मंत्री बनाया गया था। भाजपा ने इस बार यूपी के सियासी मैदान में अनुप्रिया समेत कुल 8 महिलाओं को चुनाव लड़ाया था, जिसमें अपना दल की अनुप्रिया पटेल और भाजपा की हेमा मालिनी ही चुनाव जीत पाई हैं।जबकि मोदी-02 में मंत्री रहीं स्मृति ईरानी व साध्वी निरंज ज्योति के अलावा मेनका गांधी, रेखा वर्मा, नीलम सोनकर, राजरानी रावत चुनाव हार गई हैं। ऐसे में चुनाव जीतने वाली दो में से एक महिला सांसद को मंत्री बनाया गया है।
यूपी से चुनाव जीतने वाले कई वारिष्ठ सांसदों को इस बार भी मौका नहीं मिला। ब्राम्हण बिरादरी के महेश शर्मा और सतीश गौतम तीन बार के सांसद हैं। महेश शर्मा तो मोदी-01 में मंत्री भी रहे,लेकिन इस बार ब्राम्हण चेहरे के तौर पर जितिन प्रसाद को मौका दिया गया है।वहीं लगातार तीसरी बार चुनाव जीतने वाली हेमा मालिनी को भी इस बार फिर मौका नहीं मिल पाया है। सातवीं बार सांसद बने लोध समाज के साक्षी महराज के स्थान पर इस समाज के बीएल वर्मा को दुबारा मौका मिला है। ऐसे ही कई वरिष्ठ सांसद भी है, जो इस बार भी मंत्री बनने से वंचित रह गए।