दिनांक 12/06/2024 दिन बुधवार को शिव सेना हिंदुस्तान के राष्ट्रीय अध्यक्ष मां श्री पवन कुमार गुप्ता के निर्देशानुसार उत्तर प्रदेश प्रभारी क्षमा कर पांडे जी के तत्वाधान में जौनपुर में आज बैठक की गई जिसमें, नए पदाधिकारी की नियुक्ति की गई और संगठन के विस्तार के बारे में भी चर्चा की गई वहीं, इस कार्यक्रम की अध्यक्षता मंडल अध्यक्ष सुनील कुमार राय के द्वारा की गई, जिला अध्यक्ष सत्यम प्रजापति के द्वारा नवनिर्वाचित लोगों को ढेर सारी शुभकामनाएं भी दी गई जिसमें सावले पांडेय जी, शिवाकांत पांडेय जी, एवम आकाश पांडेय जी जौनपुर से अक्षय कुमार गुप्ता राजा अग्रहरि सतीश कुमार निषाद, संतोष तिवारी जी भी उपस्थित रहे
देश में कार्यबल की कुल संख्या में लगभग 93 प्रतिशत असंगठित क्षेत्र के कामगार हैं। सरकार ने कुछ व्यावसायिक समूहों के लिए कुछ सामाजिक सुरक्षा उपायों का कार्यान्वयन किया है किंतु इनका कवरेज अभी बहुत कम है। अधिकांश कामगारों के पास कोई सामाजिक सुरक्षा कवरेज अब भी नहीं है। असंगठित क्षेत्र में कामगारों के लिए एक बड़ी असुरक्षा उनका बार बार बीमार पड़ना तथा उक्त कामगारों एवं उनके परिवार के सदस्यों की चिकित्सा देखभाल तथा उन्हें अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत है। स्वास्थ्य सुविधाओं में विस्तार के बावजूद इनकी बीमारी भारत में मानव के वंचित रहने के सर्वाधिक कारणों में से एक बनी हुई है।
इसे स्पष्ट रूप से मान्यता दी गई है कि स्वास्थ्य बीमा स्वास्थ्य के जोखिम के कारण निर्धन परिवारों को सुरक्षा देने का एक माध्यम है, जिससे अधिक व्यय के कारण निर्धनता बढ़ती है। निर्धन व्यक्ति इसकी लागत या इच्छित लाभ की कमी के कारण स्वास्थ्य बीमा लेने के लिए अनिच्छुक होते हैं या सक्षम नहीं होते हैं। स्वास्थ्य बीमा करना और इसे लागू करना, खास तौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में, बहुत कठिन है। इन कामगारों को सामाजिक सुरक्षा देने की जरूरत पहचानते हुए केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना (आरएसबीवाय) आरंभ की है। 25 मार्च 2013 तक, योजना में 34,285,737 स्मार्ट कार्ड और 5,097,128 अस्पताल में भर्ती होने के मामले हैं।
आरएसबीवाय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) रहने वाले परिवारों को स्वास्थ्य बीमा कवरेज प्रदान करने हेतु आरंभ की गई है। आरएसबीवाय का उद्देश्य स्वास्थ्य आघातों से उत्पन्न वित्तीय देयताओं से गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों को सुरक्षा प्रदान करना है, जिसमें अस्पताल में भर्ती करना शामिल है।
योग्यताएं
- असंगठित क्षेत्र के कामगार जो बीपीएल श्रेणी में आते हैं और उनके परिवार के सदस्य (पांच सदस्यों की परिवार इकाई) को योजना के तहत् लाभ मिलेंगे।
- कार्यान्वयन एजेंसियों की जिम्मदारी होगी कि वे असंगठित क्षेत्र के कामगारों और उनके परिवार के सदस्यों की योग्यता का सत्यापन करें, जिन्हें योजना के तहत् लाभ मिलने का प्रस्ताव है।
- लाभार्थियों को पहचान के उद्देश्य के लिए स्मार्टकार्ड जारी किए जाएंगेा
लाभ
लाभार्थियों को उक्त आंतरिक स्वास्थ्य देखभाल बीमा लाभों की पात्रता होगी जिन्हें लोगों / भौगोलिक क्षेत्र की आवश्यकता के आधार पर संबंधित राज्य सरकारों द्वारा तैयार किया जाएगा। जबकि, राज्य सरकारों को पैकेज / योजना में निम्नलिखित न्यूनतम लाभों को शामिल करने की सलाह दी गई है :
- असंगठित क्षेत्र के कामगार और उनके परिवार (पांच की इकाई) शामिल किए जाएंगे।
- प्रति परिवार प्रति वर्ष पारिवारिक फ्लोटर आधार पर कुल बीमा राशि 30,000/- रुपए होगी।
- सभी शामिल बीमारियों के लिए नकद रहित उपस्थिति।
- अस्पताल के व्यय, सभी सामान्य बीमारियों की देखभाल सहित कुछ निष्कासन संभव हैं।
- सभी पूर्व – मौजूद रोग शामिल किए जाएं।
- परिवहन लागत (प्रति विजिट अधिकतम 100 रुपए के साथ वास्तविक) के साथ 1000 रुपए की समग्र सीमा।
निधिकरण पैटर्न
- भारत सरकार द्वारा योगदान: 750 रुपए के अनुमानित वार्षिक प्रीमियम की 75 प्रतिशत राशि, प्रति वर्ष प्रति परिवार अधिकतम 565 रुपए। स्मार्ट कार्ड का मूल्य केंद्र सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
- संबंधित राज्य सरकारों द्वारा योगदान : वार्षिक प्रीमियम का 25 प्रतिशत और अन्य कोई अतिरिक्त प्रीमियम।
- लाभार्थी को वार्षिक पंजीकरण / नवीकरण शुल्क के रूप में 30 रुपए का भुगतान किया जाएगा।
- योजना को लागू करने के लिए प्रशासनिक और अन्य संबंधित लागतों को संबंधित राज्य सरकारों द्वारा वहन किया जाएगा।