PM Narendra Modi Today Meet Meloni : यूरोपीय संघ में भारत का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार इटली है और 18वां सबसे बड़ा विदेशी निवेशक भी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इटली यात्रा से दोनों देशों के बीच द्वीपक्षी संबंध और मजबूत होंगे। ।। अनदेखी ख़बर न्यूज़पेपर।। न्यूज़ चैनल मुख्य सम्पादक रिपोर्ट :- सचिन कुमार ।। व्हाट्सएप नंबर :- 9415427032, संपर्क नंबर :- +9410438704
वर्तमान में भारत के G7 समिट में हिस्सा लेने के लिए इटली पहुंचे हैं। जैसे ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इटली के ब्रांडी सी हवाई अड्डे पर पहुंचते हैं उसी क्षण सोशल मोदी जी सोशल मीडिया पर पोस्ट करके यह बताते हैं कि मैं G7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए इटली पहुंच गया हूं दुनिया के नेताओं के साथ मिलकर सार्थक चर्चा करने के लिए बहुत उत्सुक हूं। G7 में अमेरिका फ्रांस ब्रिटेन इटली जर्मनी कनाडा और जापान जैसे अह्म देश भी सम्मिलित हैं, G7 शिखर सम्मेलन की वर्तमान में अध्यक्षता और मेजबानी इटली कर रहा है, इटली भारत के लिए हम है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस दौर से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों में और मजबूती आएगी। तीसरी बार भारत के प्रधानमंत्री बनने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह पहला विदेश दौरा है तो चलिए इस रिपोर्ट में समझते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का दौरा भारत इटली के द्वीपक्षीय संबंधों के लिए कितनी अहमियत रखता है।
पीएम नरेंद्र मोदी के इस दौरे से बढ़ेगा आर्थिक सहयोग – भारत और इटली के बीच मजबूत आर्थिक साझेदारी है, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस यात्रा से इसमें और बढ़ोतरी होने की पूरी संभावना है। इटली में भारतीय निवेश लगभग 400 मिलियन अमेरिकी डॉलर होने का अनुमान है साथ ही साथ आपको यह बताते चलें कि इटली में भारतीय कंपनियां मुख्य रूप से आईटी, फार्मा, इलेक्ट्रॉनिक, विनिर्माण और इंजीनियरिंग क्षेत्र में है। वर्ष 2022-23 में भारत और इटली के बीच द्विपक्षी व्यापार 15 बिलियन अमेरिकी डॉलर था जिसमें निर्यात 8.691 बिलियन अमेरिकी डॉलर था जो अब तक का सबसे अधिक रिकार्ड है। भारत और इटली देश मिलकर खाद्य, प्रसंस्करण, कपड़ा, डिजाइन, विनिर्माण और वित्तीय सेवाओं जैसे आशा जनक क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
पीएम मोदी के इस दौरे से दूर होगी व्यापारिक बाधाएं –
भारत से इटली को निर्यात की जाने वाली वस्तुओं में मुख्य रूप से लोहा और इस्पात, दूरसंचार, उपकरण, पेट्रोलियम उत्पाद, लोहा और इस्पात से बने उत्पाद समेत चाय जैसी अन्य वस्तुएं भी शामिल है। इटली से आया की मुख्य वस्तुओं में देरी के लिए औद्योगिक मशीनरी इलेक्ट्रिक मशीनरी और उपकरण, रसायन, विविध इंजीनियरिंग वस्तुएं और मशीन टूल सम्मिलित हैं। इस बीच दोनों देशों के बीच व्यापारिक रिश्तों को और प्रकार बनाने के लिए इसमें आने वाली बढ़ाओ को दूर करना आवश्यक होगा भारत में 700 से अधिक इतावली कंपनियां हैं जिनमें लगभग 60000 के करीब लोगों को रोजगार मिलता है और कुल कारोबार 9.7 बिलियन यूरो है भारत में काम करने वाली प्रमुख इटावाली कंपनियों में फेरेरो, फिएट, सीएनएच और परफेटि शामिल है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस दौर से व्यापार के क्षेत्र में भी गति तेज होगी।
भारत – इटली के मध्य है मजबूत संबंध-
भारत देश और इटली दोनों लोकतांत्रिक देश है और दोनों के बीच घनिष्ठ मैत्रीपूर्ण संबंध है।दोनों देश कानून के शासन मानवाधिकारों के सम्मान और समावेशी विकास के माध्यम से आर्थिक विकास के लक्षण को प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। दोनों देशों ने पिछले साल राज नायक संबंधों को स्थापना के 75 वर्ष पूरे होने का जश्न भी एक साथ मनाया था। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अक्टूबर 2021 में जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए इटली का दौरा किया था। इतालवी पीएम मार्च 2023 में राजकीय यात्रा पर भारत का दौरा किया। मालोनी G20 शिखर सम्मेलन के लिए भारत भी आई थी।
भारत के मंत्रियों का इटली दौरा –
पिछली सरकार में विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह एवं केंद्रीय वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने पिछले साल क्रमशः नवंबर, अक्टूबर और अप्रैल में इटली का दौरा किया था। इन नेताओं के दौरे से भारत और इटली के बीच रक्षा अर्थव्यवस्था विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में काम करने को लेकर एजेंडा निर्धारित किया गया था। इसरो ने व्यावसायिक मोड पर इटली के पांच उपग्रह लांच किए हैं।
भारत और इटली के बीच वार्ता की लंबी श्रृंखला –
भारत और इटली रक्षा, ऊर्जा और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी समेत कई मुद्दों पर साथ मिलकर काम करते हैं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस दौरे से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को रणनीतिक साझेदारी के स्तर पर भी बढ़ावा मिल सकता है। इससे पहले की-20 शिखर सम्मेलन से संबंधित बैठकों के लिए इटली के कई मंत्रियों ने 2023 में भारत का दौरा किया था, इस दौरान दोनों देशों के बीच व्यापार, वित्त, कृषि, शिक्षा समेत संस्कृति जैसे विषयों पर बात हुई थी।