रिपोर्ट :- गणेशी पंवार हापुड़, धौलाना, गढ़ ।। हमारा प्यारा भारत साहित्य संस्था के तत्वाधान में आज की शाम पिता के नाम पितृ दिवस पर विराट अखिल भारतीय कवि सम्मेलन आयोजित हुआ। पिता ही वो सूरज है जिससे हजारों दीपक जलते हैं: मुख्य अतिथि वरिष्ठ कवि अशोक गोयल पिलखुवा, हमारा प्यारा भारत साहित्य संस्था के तत्वाधान में ऑन लाइन विराट अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन 16 जून चौबीस को शाम 06 बजे से भव्य रूप से आयोजित हुआ आज की शाम पिता के नाम अध्यक्ष श्री विजय रघुनाथ राव डांगे नागपुर मुख्य अतिथि वरिष्ठ कवि एवं साहित्यकार अशोक गोयल जी पिलखुवा रहे विशिष्ठ अतिथि श्री दिलीप कुमार शर्मा देवास डॉ कृष्णा जोशी इंदौर संचालन प्रियंका भूतड़ा प्रिया सरस्वती वंदना कवि रामदेव शर्मा राही मथुरा, शुचिता नेगी शुचि मिताली वर्मा प्रतिमा पाण्डेय प्रयागराज स्वागत गीत दिलीप कुमार शर्मा ,कवि अविनाश खरे पुणे, ,मीनू राजेश शर्मा , आमंत्रित विजय रघुनाथ राव डांगे नागपुर , अनुराग उपाध्याय डॉ मीना परिहार पटना राज , वरिष्ठ कवियत्री वीना गोयल पिलखुवा, कमला सिंह पद्मा, डॉ पुष्पा जैन इंदौर, जी लगभग बीस कवियों ने मंच को भक्ति हास्य रस से सुशोभित किया अंत में धन्यवाद ज्ञापन संस्था के संस्थापक निर्दोष जैन लक्ष्य ने अपनी चिरपरिचित अंदाज से कुछ लाइनों के साथ पिता दिवस की सभी को बधाई दी मेरा अभिमान मेरा गुमान मेरी शान है पिता मेरी दिल की धड़कन मेरी मुस्कान है पिता जो अपना सहारा होता है , भगवान सा चेहरा होता है। जिस से बढ़कर न कोई
वो पिता हमारा होता है ।
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