यूपी के गाजीपुर के नवागत एसपी में डॉ ईरज राजा 2017 बैच के आईपीएस है। उन्होंने डॉक्टरी का पेशा छोड़ पुलिस सेवा को ज्वाइन किया। इन बीते 6 सालों के दौरान अपराधियों की कमर तोड़ दी। वहीं, गाजियाबाद जिले से लेकर जालौन तक हाफ एनकाउंटर को झड़ी लगा दी। अपराधियों ने इनके आगे सरेंडर करना बेहतर समझा।
वैसे तो देश में तमाम IPS है, लेकिन कुछ आईपीएस ऐसे भी होते हैं जो जनता के बीच में अपने काम की पहचान छोड़ जाते हैं। इनमें से एक नाम गाजीपुर जिले के नवागत एसपी डॉ ईराज राजा का है। ये मूल रूप से आगरा के रहने वाले हैं। वर्ष 2011 में उन्होंने MBBS की शिक्षा को पूरा की और फिर 4 सालों तक बिजनौर जिले में मेडिकल ऑफिसर के पद पर तैनात रहे। इसके बाद 2017 में UPSC की परीक्षा को पास किया। फिर पुलिस टीम का हिस्सा बने और जैसे ही उन्हें जिले में तैनाती दी गई तो उन्होंने अपराधियों की सर्जरी करनी शुरु कर दी। इनकी इस कार्यशैली का जिले में सकारात्मक परिणाम आया और क्राइम के आंकड़ों की स्पीड पर तेजी से ब्रेक लग गया। वहीं, अपराधियों ने डर के मारे खौफ में सरेंडर करना शुरू कर दिया।
यूपी पुलिस आईपीएस इराज राजा प्रोफाइल स्टोरी-
दरअसल, उत्तर प्रदेश के गाजीपुर के नवागत पुलिस अधीक्षक डॉ. ईराज राजा 2017 बैच के आईपीएस है। सरकार ने उन्हें जब भी मौका दिया तब वह उम्मीदों पर खरे उतरे और अपराधियों की कमर तोड़कर उन्हें सलाखों के पीछे भेज दिया। डॉक्टर का पेशा छोड़ UPSC का एग्जाम क्लियर किया और ट्रेनिंग पूरी करने के बाद पहली पोस्टिंग लखनऊ में मिली। इसके बाद भी 4 महीने मेरठ में ASP रहें। फिर गाजियाबाद जिले के ग्रामीण क्षेत्र में 24 महीने एसपी का कार्यभार संभाला और इन 2 सालों के दौरान करीब 150 हाफ एनकाउंटर किए। इसके बाद जनवरी 2023 में बुंदेलखंड के जालौन जिले का चार्ज मिला। यहां पर भी अपने स्वभाव के मुताबिक अपराधियों पर नकेल कसनी शुरू कर दी। इसका नतीजा यह हुआ कि यहां पर भी हाफ एनकाउंटर की हाफ सेंचुरी बन गई।
डूब मरो तुम सब-
28 मार्च 2023 को जनपद जालौन के एट कोतवाली क्षेत्र में एक घटना घटित होती है। इसमें पुलिस की लापरवाही के चलते रेप पीड़िता के पिता ने फांसी लगा ली थी। इस घटना के बाद एसपी जालौन ने पुलिसकर्मियों को वायरलेस सेट पर सख्त चेतावनी देते हुए कहा था कि ‘तुम सब चुल्लू भर पानी में डूब मरो’। अगर रेप पीड़िता की फरियाद नहीं सुनोगे तो लापरवाही करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करूंगा और बर्खास्त कर दूंगा’ नौकरी कैसे की जाती है, यह भी सिखा दूंगा। इन शब्दों के वायरलेस पर गूंजते के बाद पुलिस महकमें में हड़कंप मच जाता है। पुलिस अधिकारी हर मामले की गंभीरता को समझते हुए उसमें मुकदमा दर्ज करना शुरू कर देती है।
दो की एनकाउंटर में मौत-
वर्ष 2022 की तुलना में 2023 में क्राइम के ग्राफ में गिरावट दर्ज की गई। पिछले साल हार्ड क्राइम में वांछित अपराधियों की धरपकड़ के लिए पुलिस की तरफ से 55 मुठभेड़ हुई। इसमें में 43 अभियुक्त पैर में गोली लगने से घायल हुए और 2 अपराधियों की मौत भी हुई। वहीं, चोरी, लूट, हत्या, डकैती की वारदात को अंजाम देने वाले अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 79 अभियुक्तों की हिस्ट्रीशीट खोली गई। वहीं 65 इनामी बदमाशों के खिलाफ कार्रवाई कर उन्हें जेल भेजा गया। साइबर सेल की मदद से 361 खोए हुए मोबाइल बरामद किए और 61 लाख रुपए की धनराशि पीड़ितों को लौटाई।
ऐसे कंट्रोल में आया था जालौन का क्राइम-
उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा चलाए जा रहे हैं ऑपरेशन मुस्कान के तहत 39 मासूमों की बरामदगी कर उनके परिजनों को सुपुर्द किया। ऑपरेशन जिले के थानों और सार्वजनिक स्थानों पर तकरीबन 12 हजार सीसीटीवी कैमरे लेस का जिले में होने वाले क्राइम को कंट्रोल किया। 6 बड़ी घटनाओं का अनावरण भी किया। इसके अलावा मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 1090, 1076, 181, 112 का सख्ती से अभियान चलाया और आम लोगों को इसके बारे में जानकारी दी। वहीं, सरकार के द्वारा चलाए जा रहे ऑपरेशन कन्वैक्शन के तहत जिले के 175 अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया। इसके अलावा पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए पर्ची सिस्टम को पारदर्शिता के साथ लागू किया गया।