ढाई महीने से लापता थी छात्रा सारा सैय्यद, जंगल में मिले हड्डियों के टुकड़े और कपड़े, प्रेम त्रिकोण में दोस्त गौरव ने की हत्या…
इंदौर के एक निजी कॉलेज की छात्रा की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज होने के बाद मामले की जांच चल रही थी। जांच में विलंब पर छात्रा के पिता ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इसके बाद छुड़ाया पुलिस ने सक्रियता दिखाई। छात्रा के साथ पढ़ने वाले एक युवक को पकड़ने के बाद सारी कहानी सामने आ गई!
बीफार्मा की छात्रा सारा सैयद की उसके दोस्त ने प्रोफेसर की बेटी की मदद से हत्या कर दी। पुलिस ढाई महीने से गुमशुदा मानकर टालमटोल कर रही थी। मामले में सारा के पिता सैयद साबिर अली ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की तब पुलिस हरकत में आई। बुधवार को पुलिस ने सारा के साथ पढ़ने वाले गौरव सरकार को हिरासत में लिया तो उसने स्निग्धा के साथ मिलकर हत्या करना स्वीकार लिया। पुलिस ने हरसौला (किशनगंज) से सारा की हड्डियां और कपड़े बरामद किए हैं!
मूलत: खंडवा निवासी सारा सैयद साबिर अली बायपास स्थित एक्रोपोलिस काॅलेज में बीफार्मा (द्वितीय वर्ष) में पढ़ती थी। 26 अप्रैल को सारा की मां शबाना और मौसी अफसाना ने शिप्रा थाना में गुमशुदगी दर्ज करवाई थी। बुधवार को पुलिस ने एक्रोपोलिस काॅलेज के छात्र गौरव सरकार (बंगाली चौराहा) और मेडिकेप्स की छात्रा स्निग्धा को हिरासत में ले लिया!
सख्ती से पूछताछ करने पर गौरव ने सारा की हत्या करना कबूल लिया। उसने बताया कि सारा की हत्या करने के बाद उसका शव हरसौला फाटा के पास फेंका था। दोपहर को टीम दोनों आरोपितों को लेकर घटना स्थल पर पहुंची और सारा का शव तलाशा। पुलिस को मौके से सिर्फ कपड़े और हड्डियों के टुकड़े मिले। शव जानवर खा चुके थे!
गला घोंटने के बाद चाकू घोंपकर मारा…
डीआइजी (ग्रामीण) निमिष अग्रवाल के मुताबिक, आरोपित गौरव शातिर किस्म का है। पहले वह मेडिकेप्स में पढ़ता था, कालेज से निकालने के बाद वह एक्रोपोलिस में पढ़ने आया और उसकी सारा अली से दोस्ती हो गई। वह स्निग्धा से भी दोस्ती रखना चाहता था। इसे लेकर विवाद की स्थिति बन रही थी!
गौरव ने स्निग्धा के साथ मिलकर सारा को रास्ते से हटाने की साजिश की। आरोपित ने पहले शव को ठिकाने लगाने का स्थान चुना। सारा को बहाने से किराए की कार में ले गए और गला घोंट दिया। गला घोंटने के बाद भी उसकी सांस चल रही थी। गौरव ने इसके बाद चाकू घोंपे और जान से खत्म कर दिया। दोनों ने मिलकर शव सुनसान जगह फेंका और शराब से खून के धब्बे साफ किए, गौरव स्निग्धा को भी धोखा दे रहा था!
विश्वजीत सिंह तोमर ने जांच में लापरवाही की, गौरव को पूछताछ के लिए बुलाया लेकिन छोड़ दिया। मोबाइल टावर लोकेशन और सीडीआर में नंबर मिलने के बाद भी सख्ती नहीं की!
सैयद साबिर अली ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दी, इसके बाद पुलिस हरकत में आई और शिप्रा टीआइ जीएस महोबिया ने संदेहियों को बुलाया, आरोपितों से अलग-अलग पूछताछ करने पर टूट गए और मामला हत्या में बदल गया!
पुलिस ने चोरल घाट से सारा का ब्रेसलेट, मोबाइल ढूंढा है, एसआइ के मुताबिक, गौरव से बयान लिए लेकिन वह झूठ बोलकर बचता रहा, कभी कालेज के पास छोड़ना बताया तो कभी अन्य छात्र के साथ जाना बताकर गुमराह करता रहा!