.. ….. #अनुशासनमय #हर्षोल्लास के साथ #काशी के #स्वयंसेवक बंधुओं ने #आद्य #सर #संघचालक #प्रणाम #महोत्सव व #हिंदू नव #संवत्सर २०७९, #युगाव्ध ५१२४ #उत्सव आयोजित कर सभी को #बधाई अर्पित किया …………. आज दिनाँक 2/4/2022(शनिवार) को प्रातः ६.१५ काशी दक्षिण भाग के विवेकानंद नगर के #दुर्गा #शाखा के संघ स्थान पर आद्य सर संघ चालक #प्रणाम महोत्सव व #हिंदू नव #संवत्सर उत्सव आयोजित कर सभी स्वयंसेवक बंधुओं ने सर्वप्रथम आद्य सर संघचालक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक परम पूजनीय डॉ केशव बलिराम हेडगेवार जी को प्रणाम किया गया. उसके बाद परम पवित्र भगवा ध्वज को सम्मान सहित लगाकर तीन बार प्रणाम निवेदित किया गया. आद्य सर संघचालक प्रणाम महोत्सव में संघ के #नागपुर से #तृतीय वर्ष प्रशिक्षित माननीय #विभाग सह शारीरिक शिक्षण प्रमुख श्रीमान #कैलाश जी भाई साहब #बौद्धिक पाथेय देते कहा कि #बिखरे #हिंदू समाज को संगठित करने के लिए ही डॉ. हेडगेवार ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की स्थापना की। कांग्रेस के कार्यकर्ता के रूप में वह दो बार जेल गए। कांग्रेस की तुष्टिकरण नीति और उसके मंचों पर वंदे मातरम के विरोध से व्यथित होकर डॉ. हेडगेवार ने अपनी राह बदल ली।
97 वर्ष की कठोर साधना से संघ हिंदू समाज का तथा पूरी दुनिया में अपनी विशेष पहचान बनाने में सफल रहा है। वर्षप्रतिपदा उत्सव में गणवेश धारी स्वयं सेवकों ने सर्वप्रथम वर्ष में केवल एकबार होने वाला आद्यसरसंघचालक प्रणाम किया। #डॉ. हेडगेवार #जन्मजात देश #भक्त थे।
विक्टोरिया के जन्मदिन पर उन्होंने मिठाई कूड़ेदान में फेंक दी थी। कोलकाता से डॉक्टरी की पढ़ाई करने के बाद सरकारी नौकरी को ठोकर मार उन्होंने देश की आजादी की कांटों भरी राह चुनी। देश को स्वतंत्रता दिलाना उन्होंने अपना पहला लक्ष्य बनाया। उस समय संघ में आने वाले स्वयंसेवक देश को स्वतंत्र कराने की ही प्रतिज्ञा किया करते थे।
उन्होंने आह्वान किया कि सभी लोग देश के लिए जीना सीखें। संघ अपनी शाखा के माध्यम से सामाजिक समरसता आत्मीयता राष्ट्रभक्ति की भावना तथा सामाजिक सद्भाव का संदेश दे रहा है। शाखाओं में खेल- खेल में राष्ट्रभक्ति का संस्कार कूट-कूट कर भर दिया जाता है।
#देश पर जब भी संकट आया, संघ ने आगे बढ़कर उसका मुकाबला किया। महोत्सव की अध्यक्षता करते हुए पूर्व सी डी ओ, केंट स्टेशन वाराणसी श्री मान नव रंग सिंह जी ने कहा कि परम पूजनीय डॉ साहब ने प्राचीन हिंदू संस्कृति के गौरव मयी वैभव के पुनरूत्थान और हिंदू समाज को संगठित और देश को परम वैभव पर ले जाने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना किया. विवेकानंद नगर के माननीय कार्यवाह श्री मान अरविंद जी ने आशीर्वचन देते हुऐ कहा कि हिंदू नया वर्ष हम सभी के अनुकूल हैं. नए पल्लव, घर में अनाज का भंडार, मौसम बसंती होने से नए कार्य करने की प्रेरणा मिलती हैं. मुख्य शिक्षक की भूमिका युवा विद्यार्थि श्री शिवाजी ने किया. अमृत वचन श्रीमान मोहन जी भाई साहब ने आचार्य चाणक्य का वचन “भय से तभी तक दूर रहना चाहिए जब तक वह दूर रहे जब पास ही आ जाए तब डटकर उसका मुकाबला करना चाहिए..सुभाषित गण शिक्षक श्री रोहित जी ने करते हुए कहा कि जिस प्रकार से आकाश से गिरा हुआ जल सागर की ओर जाता है उसी प्रकार सभी देवताओं को नमस्कार केशव की ओर जाता हैं. एकल गीत राष्ट्र भक्ति ले ह्रदय में….. श्रीमान सुरेश जी ने किया. शाखा कार्यवाह आरुणी जी ने संचालन करते हुए सर्वप्रथम सभी अतिथियों का परिचय करवाते हुए कहा कि नव संवत्सर २०७९, युगाव्ध ५१२४ की सभी स्वयंसेवक बंधुओं को बधाई देते हुए कहा कि अपनी भारतीय संस्कृति और परिवार को संस्कारवान, सुदृढ़ और बलशाली बनाने के लिए हमे सभी विशेषकर युवाओं को शाखा में लाना होगा. महोत्सव का संयोजन सेवा भारती के महामंत्री श्री राकेश पांडेय और पूर्वांचल के लोकप्रिय उद्यमी श्री राकेश जायसवाल जी ने किया. आभार विवेकानंद नगर के सेवा प्रमुख श्रीमान राजीव मिश्रा जी ने किया. संघ की प्रति दिन होने वाला प्रार्थना नमस्ते सदा वत्सले.. श्री सुनील जी ने किया. महोत्सव में प्रमुख जिला व्यस्था प्रमुख श्रीमान मनोज कुमार जी, नगर संपर्क प्रमुख श्री राजेश जी, भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश अध्यक्ष श्री विशेश्वर राय जी, लोकप्रिय समाजसेवी श्री अजय अग्रवाल और मनमोहन त्यागी जी, उत्तर प्रदेश सरकार के अनुसूचित जाति आयोग के माननीय सदस्य श्री कमलेश पासवान जी, पूर्व मुख्य शिक्षक श्रीमान बिंदु जी, विधार्थी अमन जी,श्री राजन जी बस्ती प्रमुख,श्री मुकेश जी, श्री संतोष जी, लोकप्रिय समाजसेवी श्री राकेश कुमार श्रीवास्तव जी आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे..समाचार संकलन कर प्रेस ले जाने का कार्य क्षेत्र के युवा नेता दिलीप मिश्रा जी ने किया… भवदीय.. आरुणी, शाखा कार्यवाह